तुमसे लिपट चुके हैं!

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हज़ारो मील के पत्थर अब कट चुके है, दूरियों के करीब जा अब सिमट चुके है,, तुम घन वन में वृक्ष हो चंदन के हे मधुवर! हम विषधारी श्याम सम, तुमसे ...

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